जिंदगी और प्यार का संघर्ष

 रोहित और सुहानी दोनों ही एक दूसरे को कॉलेज के समय से ही जानते हैं। और दोनों एक दूसरे से मोहब्बत भी करते हैं। दोनों एक ही शहर और एक ही गली मैं भी रहते हैं। 

रोहित और सुहानी एक दूसरे को बचपन से जानते हैं। एक ही स्कूल में दोनों साथ पढ़े भी है। शायद उन दोनों को नहीं पता है कि, वह एक दूसरे से कब से मोहब्बत करने लगे हैं। लेकिन इस बारे में अभी तक उनके घरवालों को एक दूसरे की मोहब्बत के बारे में नहीं पता था। 

जिंदगी का संघर्ष 

जिंदगी में हमेशा हम जैसा चाहे, वैसा ही हो ऐसा जरूरी नहीं है। रोहित और सुहानी की जिंदगी पर भी यह बात लागू होती थी। दोनों एक दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करते थे। 

जब दोनों की कॉलेज एक साथ कंप्लीट हो गई तो, दोनों ने इस बारे में अपने घर वालों को बताने का फैसला किया। लेकिन दोनों की जाती इसके बीच में आ गई। घरवालों ने उनकी शादी से साफ इनकार कर दिया। सुहानी के घरवालों ने उसके घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी। 

दोनों के ही घर वालों ने उनसे मोबाइल भी छीन लिया। लेकिन दोनों के घर आमने-सामने थे। ऐसे में दोनों की बालकनी भी आमने-सामने थी। 

रोहित और सुहानी एक दूसरे को सारे दिन बालकनी में बैठे-बैठे एक दूसरे को देखते रहते थे। ऐसे ही ना जाने कब 3 साल का वक्त निकल गया। दोनों को पता ही नही चला। हालांकि रोहित और सुहानी का प्यार अभी भी कम नही हुआ। दोनों एक दूसरे से शादी करने के लिए अड़े रहे।

खुशियों की बौछार

जब सुहानी और रोहित के घर वालों ने देखा की यह दोनों अभी भी नहीं मानने वाले हैं तो, दोनों के घर वालों ने उनकी शादी करवाने का फेसला कर लिया।

जैसे ही शादी के बारे में रोहित और सुहानी को पता चला, दोनों एक दूसरे से मिलने को आतुर हो गए। फिर वह दिन भी आया जब रोहित और सुहानी की शादी हो गई। 

अब रोहित और सुहानी की शादी को लगभग 5 साल हो चुके हैं। और उनके 2 साल की एक बेटी भी है। जिसका नाम रक्षिता है। और दोनों अपनी जिंदगी में बहुत खुश हैं।

गमों का पहाड़ 

रोहित एक दिन शुभ है लगभग 8:00 बजे अपने ऑफिस के लिए घर से निकला था। वह हमेशा की तरह सुहानी को गुड बाय किस करना नहीं भूला, और आज भी उसने सुहानी को गुड बाय किस किया था। 

वह अपने घर से लगभग 3 किलोमीटर आगे ही निकला होगा कि, तभी एक तेज रफ्तार से आते ट्रक ने उसकी गाड़ी को टक्कर मार दी। रोहित की गाड़ी चकनाचूर हो चुकी थी। और रोहित बुरी तरीके से घायल हो चुका था। उसको जल्द ही एंबुलेंस के द्वारा नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया गया। 

रोहित के जाने के बाद सुहानी अपने घर का बच्चा हुआ काम कर रही थी। तभी उसके घर की फोन की घंटी बजी। 

सामने से एक धीमी आवाज में व्यक्ति ने कहा, क्या हमारी बात सुहानी से हो रही है? सुहानी ने हा में उत्तर दिया।

सामने वाले व्यक्ति ने धीरे से कहा आप जल्द ही हॉस्पिटल आ जाइए रोहित का एक्सीडेंट हुआ है। हमें उसके कुछ बड़े ऑपरेशन करने होंगे। यह सुनते ही सुहानी जोर-जोर से रोने लगी। उसके हाथ पैर कांपने लगे। सुहानी जल्दी-जल्दी में नजदीकी हॉस्पिटल पहुंची।

जब सुहानी नजदीकी अस्पताल पहुंची तो, वहां डॉक्टर ने कहा कि हम अभी रोहित के बारे में कुछ भी नहीं कह सकते हैं। हमें रोहित के कुछ बड़े ऑपरेशन करने होंगे। जिसके लिए आपकी सहमति की जरूरत होगी। रोहित के शरीर से बहुत ज्यादा खून बाहर निकल चुका है। ऐसे में हमें कुछ ब्लड की भी जरूरत होगी। जिसका इंतजाम ब्लड बैंक से कर दिया जाएगा।

सुहानी ने कुछ पेपर्स पर साइन किया। इसके बाद रोहित के लगभग 10 ऑपरेशन किए गए, और ब्लड भी शरीर में चढ़ाया गया। इस तरीके से लगभग 1 महीने तक लगातार रोहित मौत से संघर्ष करता रहा।

 इधर सुहानी के लिए एक-एक पल काटना मुश्किल हो रहा था। उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। उसे घर और अपनी बेटी को भी संभालना था। जो कि उसके लिए बहुत मुश्किल कार्य था। इन सबके बावजूद सुहानी अपने आप को संभाले हुई थी। 

एक दिन अचानक रोहित की तबीयत बिगड़ गई। और वह कोमा में चला गया 

 डॉक्टर ने कहा कि उसके बचने की उम्मीद बहुत कम है। हालांकि सुहानी ने अभी भी हार नहीं मानी थी। सुहानी की जिंदगी अस्पताल और घर के बीच में कट रही थी। 

धीरे-धीरे रोहित के शरीर ने रिस्पांस देना बंद कर दिया। सुबह के लगभग 4:00 रहे थे। उसे समय डॉक्टर ने आकर सुहानी से कहा कि, हमें माफ कीजिए। हम रोहित को नहीं बचा सके।

अनंत जिंदगी

आज सुहानी की जिंदगी से रोहित को गए हुए लगभग 5 साल हो चुके हैं। उसकी बेटी अब 7 साल की हो चुकी है। सुहानी अपनी जिंदगी को अपनी बेटी और अपने पति और प्रेमी के सपनों को पूरा करने के लिए जी रही है। वह मुस्कुराकर हमेशा अपनी बेटी रक्षिता से जिंदगी के बारे में बातें करती रहती है। 

किसी ने सच ही कहा है, आप जिंदगी में कितनी भी संघर्ष कर लीजिए। फिर भी जिंदगी का अंतिम फैसला तो खुद जिंदगी और भगवान के हाथ में ही होता है।

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