सफलता

इंसान का समय कब बदल जाता है पता ही नहीं चलता। ऐसे ही एक रजनी नाम की लड़की थी। रजनी गांव की रहने वाली लड़की है, और आज भी गांव का माहौल लड़कियों को लेकर अच्छा नहीं है।
ऐसे ही रजनी के गांव का माहौल भी अच्छा नहीं होता है। लड़की को पढ़ाई करने से, बाहर निकालने के लिए रोका टोका जाता है। रजनी गांव से बाहर एक स्कूल में पढ़ने जाती थी तो लोग उसे देखकर बातें बनाते थे। गांव के लोग बहुत पिछड़े सोच के थे। उनकी बातें सुनकर रजनी के माता-पिता को भी अच्छा नहीं लगता था।

गांव के लोग रजनी के माता-पिता को खूब बातें सुनाते और उनसे कहते हैं कि अब तुम्हारी बेटी शादी वाली हो गई है, अब तो इसकी शादी कर देनी चाहिए।

कम उम्र में शादी
गांव वालों की बातें सुनकर रजनी के माता-पिता ने रजनी की कम उम्र में ही शादी कर दी। शादी के वक्त रजनी की उम्र केवल 18 साल थी। रजनी के पति का नाम अजय था। कम उम्र में शादी होने के कारण रजनी की पढ़ाई भी पूरी नहीं हो पाती है। रजनी के ससुराल वाले बहुत अच्छे थे, उसका पति भी उसका बहुत ध्यान रखता था। उसे किसी चीज की कमी नहीं आने देते थे।

शादी के 2 साल बाद रजनी ने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के रूप में लक्ष्मी आने के कारण अजय और उसका परिवार बहुत खुश होते हैं। रजनी का परिवार संपन्न हो जाता है, हंसी खुशी जिंदगी चल रही होती है।

लेकिन रजनी की यह खुशी कुछ ही दिनों की थी। अचानक से अजय की कार एक्सीडेंट से मौत हो जाती है, और अजय के परिवार पर दुखों का बादल छा जाता है। अजय के जाने के बाद रजनी बिल्कुल टूट सी जाती है। उसे कुछ समझ नहीं आता है उसे बार-बार उसकी छोटी सी बेटी का ख्याल सताता रहता है।

जिम्मेदारियां का बोझ
अजय के जाने के बाद घर की पूरी जिम्मेदारियां का बोझ रजनी पर आ जाता है। रजनी का पति कोई बिजनेस करता था, लेकिन रजनी को बिजनेस में कोई खास रुचि नहीं होती है। रजनी को बिजनेस के बारे में जाने की जरूरत थी क्योंकि अजय के जाने के बाद घर उसे ही संभालना था और अपनी बेटी का भविष्य भी सवारना था।
उसे अपने सास ससुर की देखभाल और अपनी बेटी के भविष्य के लिए पैसों की जरूरत थी। रजनी कोई काम करने के बारे में सोचती है लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आता है कि वह काम क्या करें।

रजनी काम करने का फैसला कर लेती है। रजनी की उम्र भी इतनी नहीं थी कि उसे किसी काम का तजुर्बा हो। और कम उम्र में शादी होने के कारण उसकी पढ़ाई भी पूरी नहीं हो पाई थी। इसलिए उसे किसी कंपनी या ऑफिस में भी काम मिलना मुश्किल था। लेकिन कैसे भी करके उसे काम तो शुरू करना ही था।
रजनी को सजने सवरने का और मेकअप करने का बचपन से ही बहुत शौक था। मैं मेकअप के बारे में सब जानती थी और उसे मेकअप करना भी अच्छे से आता था। रजनी ने शादी से पहले कुछ दिनों के लिए उनके पड़ोस में एक पार्लर में भी काम किया था। उसे थोड़ा अनुभव था।

अचानक रजनी अपना एक पार्लर खोलने का सोचती है। रजनी ने अपनी बेटी के नाम पर पार्लर खोला और काम शुरू किया।
कुछ ही दिनों में रजनी का पार्लर अच्छा चलने लगता है और अच्छी खासी कमाई होने लगती है। रजनी बहुत खुश होती है और अपने काम को और बढ़ाने की कोशिश में लग जाती है।

गांव का माहौल
रजनी ऐसी जगह से थी जहां लड़कियों को खुद के स्तर पर काम करने की रोक-टोक थी लोगों ने रजनी के मां-बाप को उसकी दूसरी शादी करवाने को भी कहा लेकिन रजनी ने किसी की बात नहीं सुनी। रजनी दूसरी शादी करके अपने सास ससुर को छोड़ना नहीं चाहती थी वह उनके बुढ़ापे का सहारा बनना चाहती थी। उनके लिए ही उसने काम करना शुरू किया और वह उन्हें ही कैसे छोड़ सकती थी।

अपनी कुछ जान पहचान और अपने हौसले के कारण रजनी ने धीरे-धीरे अपने काम को बढ़ाया। पहले तो रजनी का सिर्फ एक ही पार्लर था लेकिन अब खुद की मेहनत से शहर में उसने एक और पार्लर खोला।

सफलता
धीरे-धीरे रजनी ने अपनी मेहनत से सफलता पा ली, अपने डर पर काबू पाकर और लोगों की बातें ना सुनकर वह एक सफल औरत बनी।
जैसे-जैसे समय बितता गया रजनी के हालात भी सुधरने लगे।
रजनी ने अपनी बेटी को भी शहर के अच्छे स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा। लोगों की बातों पर ध्यान न देकर उसने पूरी मेहनत और लगन से अपना काम किया और कामयाबी हासिल करी।

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