अरे यार अब बाहर निकलो भी सुन रहे हो या मर गए इतनी देर में तो कोई दुल्हन तैयार हो जाए। कॉलेज की छुट्टी होने के बाद वहां पर हमें जाकर मूंगफली नहीं भेजनी है तो यह आवाज थी शहर के सबसे नामी पहलवान शमशेर सिंह के पुत्र शिव की।
6 फीट हाइट चौड़ा सीना और सुडौल शरीर दिखने में भी बहुत सुंदर था लेकिन एक कमजोरी थी बेचारी है कि वह कल से थोड़ा कमजोर था। और शिव की इसी कमी को पूरा करने के लिए धरती पर अवतरित हुआ था महा ज्ञानी बिट्टू जो कि बाहर दरवाजे पर मोटरसाइकिल पर बैठ शिव को आवाज लगा रहा था।
वैसे आपको एक राज की बात बताएं बिट्टू को इतना भी ज्यादा ज्ञानी नहीं था लेकिन किसी गांव में अंधेरा हो तो लालटेन ही पूरे गांव का सूर्य बन जाता है कुछ यही हाल बिट्टू का भी था।
भाई अब तैयार होकर तो आए ना हम? बिट्टू तैयार होता हुआ बाहर निकला। तुम काहे को तैयार हो रहे हो, शिव ने कहा। तुम्हें कौन सा सजना सवरना है। तुम्हारी सजने सवरने की क्या जरूरत है? यह सारे सवाल शिव लगातार बिट्टू से पूछ रहा था।
बिट्टू ने मोटरसाइकिल के कांच में अपनी शक्ल को संभालते हुए कहा। अकल नहीं है तो इसे दौड़ाना भी बंद करो। अरे आजकल दिखावे का जमाना है लोग लड़के को ही नहीं देते, उसकी संगत को भी देखते हैं।
अरे यार यह क्या बात हुई शिव ने कहा।
तब यही बैठे-बैठे ज्यादा दिमाग ना लगाओ। यह कहते हुए बिट्टू मोटरसाइकिल पर बैठ गया।
यदि आप बिट्टू और शिव का यह वर्णन देखकर गलतफहमी पाल रहे हैं तो, हम आपकी गलतफहमी दूर कर देते हैं। दोनों ने स्कूल की चौखट भी सही से नहीं देखी थी। कॉलेज जाना तो दूर की बात है, बिट्टू दसवीं में फेल हो गया था। तो शिव 12वीं में फेल हो गया था। वह दोनों तो कॉलेज में प्रीति को देखने जाते थे। जिसमें शिव की जान बसती थी। वह उसके रंग बिरंगे दुपट्टे को देखकर मानव पागल हुआ जाता था।
प्रीति
पिछले 2 साल से शिव को ले जाता था। पिछले 1 साल से तो उसे प्रीति के सपने भी आने लगे थे। दो बूंद जिंदगी की नहीं नहीं, मतलब दो बूंद इश्क की ढूंढने के लिए वह रोज कॉलेज जाया करता था। बाकी तो आप समझदार हैं।
वह देख वह देख आ गई, शिव ने बिट्टू को कोहनी मारते हुए कहा।
तो हमें कोहनी क्यों मार रहे हो? बिट्टू ने कहा।
लेकिन शिव ने सुना नहीं।
वो सुनता भी कैसे? प्रीति को लगातार देखे जा रहा था। एक नजर भर प्रीति ने भी उसे देख लिया था, और उसी में उसका दिन पूरा हो गया था। तुम उसे बस देखते ही रहना जाकर बात मत करना। बिट्टू ने कहा।
अरे बात मतलब तुम उसे जाकर कहोगे नहीं तो, तुम्हारे बारे में कैसे पता चलेगा? बिट्टू ने कहा। अभी भी दूर जाती हुई प्रीति को देख रहा था। उसे देखते हुए बोला, तो यार बता दे क्या? उसे सब कुछ।
प्यार का फॉर्मूला
शिव ने यह बात कह तो दी थी। लेकिन जैसे ही उसके मुंह से निकला। सब कुछ कह दे। उसका शरीर सिहर उठा। अच्छा चलो कह देते हैं। उससे कि हम तुमसे !
इतने में बिट्टू ने पूछा, तुमसे क्या कि हम तुमसे प्यार करते हैं। और क्या? अच्छा तुम कहोगे और वह मान जाएगी। बिट्टू ने आंखें प्रश्नवाचक मुद्रा में करते हुए कहा।
अच्छा तो अब तुम ही बताओ वह कैसे मानेगी? हमारे फार्मूले से बिट्टू ने कहा।
देखो हमें फॉर्मूला नहीं आता है। हम गणित में पहले ही 2 बार फेल हो चुके हैं। शिव ने मूर्खता से कहा।
अरे पागल हम गणित के फार्मूले के बारे में नहीं कह रहे हैं। हम प्यार के फार्मूले के बारे में कह रहे हैं। हम चाहते हैं कि तुम पहले उसकी सहेली को इंप्रेस करो। और बाद में लड़की को अप्रोच करो। शिव ने डरते हुए कहा। भाई यह कैसा फार्मूला है? हमें तो कुछ समझ में नहीं आया।
बिट्टू ने कहा देखो तुम पहले प्रीति की सहेली से दोस्ती कर लो। और उसे कहो कि वह प्रीति को पसंद करता है। इसके बाद प्रीति को मनाने में आसानी होगी बिट्टू ने कहा।
अब दोनों ने प्रीति की सहेली कविता से दोस्ती करने की कोशिश से शुरू कर दी। हालांकि 6 महीने से ज्यादा हो चुके थे। और कविता नहीं मान रही थी।
बाद में पता चला की कविता पहले से ही किसी से प्यार करती है। ऐसे में दोनों की यह कोशिश नाकाम होती हुई नजर आ रही थी।
आखिरी फैसला
एक दिन शिव ने हिम्मत करते हुए अपने दिल की बात कविता से कह दी। यह सुनकर कविता चौंक उठी। उसने कहा मैं तुम्हें पसंद नहीं करती हूं। और तुमसे दोस्ती भी नही करना चाहती हूं।
हालांकि यह बात सही है कि, प्रीति तुम्हें पिछले 3 साल से तुम्हारे प्रपोजल का इंतजार कर रही है। यह बात सुनकर शिव चौक उठा उसने कहा कि तुम कॉलेज क्यों आते हो? इस बारे में प्रीति को पता है। और वह भी तुमसे तुमसे मोहब्बत करती है।
यह बात सुनते ही शिव वहां से वापस आ गया और घर आकर ख्वाबों में खो गया। दूसरे दिन सुबह शिव और उसका दोस्त बिट्टू कॉलेज के लिए निकल पड़े रास्ते में ही उन्हें प्रीति मिल गई।
उन दोनों ने प्रीति को रोक लिया।
बाइक से उतरकर शिव ने एक गहरी सांस ली और प्रीति को सबके सामने ही प्रपोज कर दिया।
प्रीति की आंखों में आंसू थे। उसने कहा इस लम्हे का इंतजार में पिछले 2 साल से कर रही थी। मुझे पता था कि तुम रोज मेरे लिए ही कॉलेज आते थे। इसके बाद शिव ने प्रीति को पूरी बात बताई। और उनके फार्मूले वाली बात पर प्रीति जोर-जोर से हंसने लगी।।।।।